मां विंध्याचल के सिद्धदात्री स्वरूप का दर्शन करने उमड़ा आस्था का सैलाब

विंध्याचल। चैत्र नवरात्र के नवमी के अवसर पर विंध्याचल मेले में आस्था का सैलाब उमड़ा। भक्तों ने जगत कल्याणी मां विंध्यवासिनी के नवम सिद्धदात्रि स्वरूप का दर्शन पूजन कर अपने जीवन को धन्य बनाया। अष्टमी की मध्यरात्रि से ही भक्तों के पहुंचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया। जैसे जैसे रात गहराती रही भीड़ भी बढ़ी रही। भोर होते ही विंध्यधाम की चारों गलियां श्रद्धालुओं से भर गईं। हाथ में नारियल,चुनरी,इलाचीदान और मातारानी को पसंद लाल गुड़हाल के फूलों की माला लिए कतार में खड़े हो गए। जय माता दी के जयकारे के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे। गर्भगृह में पहुंच कर अपनी बारी आने पर जगतेश्वरी मां विंध्यवासिनी के चरणों में प्रसाद अर्पण कर आशीर्वाद लेकर बाहर निकले। पूरानी वीआईपी,न्यूवीआईपी,जयपुरिया गली,कोतवाली गली में तिल रखने की भी जगह नहीं थी। झांकी दर्शन करने वालों को भी भीड़ रही। पुलिस प्रशासन को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए काफी रियाज करना पड़ा। हालांकि दोपहर में कड़ी धूप होने के कारण श्रद्धालु परेशान रहे,लेकिन उनकी आस्था और उत्साह के क्या कहने। वहीं मां विंध्यवासिनी के दर्शन के बाद अष्टभुजा और काली खोह स्थित महाकाली के दर्शन पूजन के लिए भी भक्त पहुंचते रहे।

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