मंडलीय अस्पताल में अभी इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर अलग-अलग भवन में चल रहे हैं। दोनों के ट्रायज रूम भी अलग हैं। सबसे पहले मरीज ट्रायज रूम में पहुंचते हैं, जहां जांच के बाद उसे बेड पर भेजा जाता है। ट्रामा सेंटर में हादसो में घायलों का इलाज होता है। वहीं, मंडलीय अस्पताल की इमरजेंसी में विभिन्न रोगों से गंभीर बीमार मरीज आते है। मंडलीय अस्पताल में दोनों के भवन आमने-सामने हैं। दोनाें जगह स्टाफ भी अलग-अलग रहेंगे। इमरजेंसी में रेड, यलो, ग्रीन व ब्लैक जोन बनाए जाएंगे। छह बेड का इमरजेंसी आईयीयू वार्ड बनाया जाएगा और प्रत्येक बेड पर आक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था की जाएगी।
ट्रामा व इमरजेंसी के हेड डॉ. प्रशांत त्रिपाठी ने बताया कि इमरजेंसी ट्रामा व आईसीयू सर्विसेज के लिए कार्य हो रहा हैै। जिससे इमरजेंसी में आने वाले हर प्रकार के मरीज को बेहतर सुविधा मिले। इसमें 24 बेड पर रेड, यलो, ग्रीन जोन बनेगा।
इसमें चार रेड, 15 यलो व पांच ग्रीन जोन के बेड रहेंगे। सभी बेड पर सेंट्रलाइज आक्सीजन सप्लाई की जाएगी। सेंट्रलाइज सक्शन मशीन रहेगी और मॉनीटर लगाया जाएगा।
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