मेडिकल काॅलेज के पूर्व प्राचार्य डाॅ. आरबी कमल के प्रयास से एक साल पहले मंडलीय अस्पताल में पांच करोड़ रुपये से पुरानी इमरजेंसी के कमरे में सीटी स्कैन मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरु हुई थी। आठ माह पहले मशीन लगाने का काम तो पूरा हो गया था लेकिन अभी तक रेडियोलाजिस्ट की तैनाती नहीं हो पाई। इसके चलते लाइसेंस की प्रक्रिया लटकी हुई है। ऐसे में आठ महीने के बाद भी सीटी स्कैन जांच की सुविधा शुरू नहीं हो पाई। अब अस्पताल में एनएचएम की ओर से पीपीपी माॅडल पर दूसरी सीटी स्कैन मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए राष्ट्रीय एजेंसी कृष्णा डायग्नोस्टिक लिमिटेड से करार हुआ है। दावा है कि दो महीने में निर्धारित संस्था अस्पताल में जांच की सुविधा शुरू कर देगी।
एक सीटी स्कैन मशीन शुरू नहीं, दूसरी लगाने की तैयारी
मिर्जापुर। मंडलीय अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगे आठ माह से अधिक समय बीत गया है, लेकिन अभी तक न रेडियोलाजिस्ट की तैनाती हो सकी न लाइसेंस प्रकिया पूरी हो पाई। ऐसे में एक मशीन शुरू नहीं हो पाई और दूसरी मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दावा है कि पीपीपी माॅडल पर यह सुविधा मरीजों को मिलने लगेगी।
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