भोर में मां विंध्यवासिनी के शृंगार और मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए कपाट खोल दिए गए। इसके पहले ही भक्तों की लंबी कतारें लग गई थीं। कोई गर्भगृह तो कोई झांकी से मां विंध्यवासिनी की एक झलक पाकर भाव विभोर हो उठा। दर्शन पूजन का सिलसिला देर रात तक अनवरत चलता रहा।
भक्तों ने मंदिर के गुंबद की परिक्रमा करने के साथ छत पर बच्चों का मुंडन संस्कार कराया। विंध्यवासिनी मंदिर के साथ ही मां अष्टभुजी मंदिर और महाकाली मंदिर में मेटल डिटेक्टर और सीसीटीवी की निगरानी की जा रही है। मेला क्षेत्र में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। वहीं, श्रीविंध्य पंडा समाज के पदाधिकारी भी व्यवस्था संभालने में डटे रहे।
वहीं, पहाड़ पर विराजमान महाकाली और अष्टभुजी देवी देवी के दरबार में भी भक्तों की भारी भीड़ रही। हलिया क्षेत्र के गडबड़ा धाम स्थित मां शीतला दरबार में भी हजारों भक्तों ने मत्था टेका।
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