विंध्याचल। वैशाख प्रतिपदा और मेष संक्रांति पर सोमवार को विंध्य धाम में आस्थावानों का रेला उमड़ पड़ा।
छह लाख से ज्यादा भक्तों ने मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया। वहीं, शुभ मुहूर्त होने के कारण यज्ञोपवीत और मुंडन संस्कार कराने वालों की भी भीड़ रही। देर रात तक दर्शन-पूजन का सिलसिला चलता रहा।
माता के दर्शन-पूजन के लिए रविवार शाम से ही विंध्य धाम में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। होटल, धर्मशाला, लाज भर गए थे। सोमवार को भोर में मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट खुले तो भक्तों का रेला उमड़ने लगा।
पक्का घाट और दीवान घाट पर खचाखच भरे रहे। गलियों और सड़कों से मंदिर तक लंबी कतारें लग गईं। वहीं, मंदिर की छत पर मुंडन और जनेऊ संस्कार कराने वालों की भीड़ लगी रही।
एडीएम वित्त शिव प्रताप शुक्ल प्रशासनिक टीम के साथ मंदिर की व्यवस्था में लगे रहे। वहीं, थानाध्यक्ष अमित कुमार यातायात व्यवस्था संभालने में जुटे रहे। अटल चौराहा, पटेंगरा नाला, रोडवेज बस स्टैंड, रेहड़ा चुंगी, बरतर तिराहे समेत कई जगह जाम लगता रहा।
श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने कहा यज्ञोपवीत एवं मुंडन संस्कार का विशेष मुहूर्त होने कारण ज्यादा भीड़ रही। उन्होंने बताया देर शाम तक छह लाख से ज्यादा भक्तों ने मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया।
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