विंध्याचल। चैत्र नवरात्र की पूर्व संध्या पर शनिवार को पहले मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए आधी रात के बाद से ही गंगा घाटों और मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। भोर में मंगला आरती से पहले गंगा पर स्नान कर श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी की एक झलक पाने के लिए कतारबद्ध हो गए।
इस दौरान विंध्यधाम की समूची गलियां माता के जयकारे से गूंजायमान रहीं। हर कोई मां विंध्यवासिनी की एक झलक पाने के लिए बेताब रहा। मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर सहित विभिन्न होटल और धर्मशालाओं में डेरा डाले साधक विधिवत कलश स्थापना के बाद मां विंध्यवासिनी की आराधना में जुटे रहे। घरों में भी लोगों की तैयारियां शुरु रही। चैत्र नवरात्र पर भोर में कलश स्थापना के बाद लोगों के घरों में बजते शंख और घंटी के साथ ही आरती की गूंज से आसपास का इलाका गुंजायमान रहा। विंध्याचल क्षेत्र में मां विंध्यवासिनी के दर्शन के बाद ज्यादातर श्रद्धालुओं ने त्रिकोण मार्ग पर पहुंचकर मां काली और अष्टभुजा देवी का दर्शन पूजन किया
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