बरबटा निवासी उमाशंकर गुप्ता ने जिला लोकपाल मनरेगा से शिकायत की थी कि वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 उनके गांव में पीएम आवास योजना के आवंटन में धांधली की गई है। उन्होंने शिकायत में बताया था कि गांव की अमरावती देवी के पास पक्का मकान होने के बावजूद उन्हें प्रधानमंत्री आवास का आवंटन कर दिया गया है। विकास विश्वकर्मा को दो आवास आवंटित किए गए हैं। इसी प्रकार रामजग बिंद के पास पक्के मकान के साथ ट्रैक्टर भी है। उनको भी पीएम आवास योजना के तहत आवास का आवंटन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से अनियमितता की गई है।
इस पर जिला लोकपाल मनरेगा ने खंड विकास अधिकारी को शिकायत की जांच कराने का निर्देश दिया। खंड विकास अधिकारी छानबे रामपाल ने बताया कि एडीओ से आठ लाभार्थियों की जांच जांच कराई गई थी, जिनमें से चार अपात्र पाए गए हैं। ग्राम पंचायत अधिकारी से इस संंबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। वहीं, परियोजना निदेशक डीआरडीए दिलीप सोनकर का कहना है कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
इनसेट-
अपात्रों से हो सकती है रिकवरी
पीएम आवास योजना का गलत तरीके से लाभ लेने वालों से रिकवरी की जा सकती है। योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को आवास आवंटित किया जाता है। यदि रिपोर्ट लगाने में अनियमितता की गई होगी तो संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी। खंड विकास अधिकारी ने कहा कि सचिव का स्पष्टीकरण मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
एक टिप्पणी भेजें