संस्कृति और संस्कार बचाने के लिए भारत माता पूजन जरूरी:अमित मिश्र "अमितेश"

खबर दिनेश प्रसाद मिश्रा 
हरदोई 
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से तहसील शाहाबाद में शुक्रवार को भारत माता पूजन कार्यक्रम आयोजित किए गया। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने देश की एकता एवम् अखंडता को अक्षुण्ण रखने का संकल्प भी लिया।भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवम् पुष्पार्चन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। 
इस अवसर पर बोलते हुए आरएसएस के अमित मिश्र "अमितेश" ने कहा कि भारतीय इतिहास को लेकर भ्रामक स्थिति पैदा करने वाले लोगों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए गांव-गांव में भारत माता का पूजन जरूरी है। इसके जरिए भारतीय सनातन संस्कृति और संस्कार को बचाया जा सकता है। कहा कि हम अपने देश को भारत माता कहते हैं। इस वैभव संपन्न भूमि पर राम और कृष्ण जैसी विभूतियों ने जन्म लिया।राम ने न सिर्फ रावण जैसे आततायी का वध किया वरन् शबरी के बेर खाकर समरसता का संदेश भी दिया।
ऐसी पावन धरती पर बहुत सी बर्बर विदेशी ताकतों ने आक्रमण किए।इन्ही ताकतों ने देश की सनातन संकृति को नष्ट करने का प्रयास किया।यहां तक कि कुंभ जैसे महापर्व मनाने पर पाबंदी लगा दी गई।मगर सैकड़ों देशभक्तों के सर्वोच्च बलिदान एवम् पुरुषार्थ के चलते भारत फिर उठ खड़ा हुआ।ऐसे में नई पीढ़ी को अपनी प्राचीन संस्कृति से वाकिफ कराने और संस्कारों को बचाए रखने के लिए आरएसएस ने भारत माता पूजन का सिलसिला शुरू किया। कहा कि देश की स्वाधीनता के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बलिदानियों को याद करने के लिए भारत माता पूजन बेहद जरूरी है। मौजूद लोगों ने भारत माता के जयकारे लगाकर स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बार एसोसियेशन के अध्यक्ष राम गोविंद दीक्षित ने की।योग प्रशिक्षक/अधिवक्ता सत्यम सक्सेना ने एकल गीत प्रस्तुत किया। 
इस अवसर पर अधिवक्ता वरुणेश मिश्र, प्रचारक आज़ाद, सुवीन, राम सनेही मिश्र, अनिल शुक्ल, बलराम दीक्षित, अनिल श्रीवास्तव, सत्येंद्र यादव, सौरभ त्रिवेदी, सौरभ दुबे, पीयूष पाठक, भरत, ज्ञानेंद्र मिश्र आदि उपस्थित रहे।

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