श्री सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग जानकारी के बावजूद तंबाकू से बने उत्पादों का सेवन करते हैं, धीरे-धीरे यह शौक बुरी लत में बदल जाता है, सिगरेट, बीड़ी, जर्दा, गुटखा, खैनी, हुक्का, चिलम से सभी को बचना होगा, तंबाकू से बने उत्पादों का सेवन करने वाले लोगों विशेषतौर पर युवा पीड़ी को बुरी आदत से बचने के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होने कहा कि तम्बाकू के खतरे को नियंत्रित करने के प्रयासों के बावजूद तम्बाकू के इस्तेमाल की व्यापकता बच्चों और किशोरों के बीच खतरनाक अनुपात में बढ़ रही है, बच्चों में जागरूकता के उद्देश्य से समस्त विद्यालयो में प्रार्थना सभा में छात्रों को तम्बाकू, अन्य नशों से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे मेें बताया जाये, विद्यालय के आस-पास कोई असामाजिक तत्व छात्रों को नशे की सामग्री, तम्बाकू आदि का सेवन करने के लिए प्रेरित न करे, इसकी भी निगरानी की जाये। उन्होने कहा कि नारकोटिक्स पदार्थों की तस्करी के तरीकों, अन्तर्राज्यीय कनेक्शन वाले अभियोगों की विवेचनाओं का सघन पर्यवेक्षण किया जाये, नारकोटिक्स ड्रग की पहचान हेतु आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु, अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी, डा. आर.सी. गुप्ता, प्रभागीय निदेशक समाजिक वानिकी संजय मल्ल, जिला आबकारी अधिकारी दिनेश कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी अशोक कुमार, जिला कृषि अधिकारी डा. सूर्य प्रताप, जिला अभिहीत अधिकारी डा. श्वेता सैनी, ड्रग निरीक्षक दीपक कुमार, बाल संरक्षण अधिकारी अल्का मिश्रा, उप क्षेत्रीय मद्य निषेध अधिकारी उपदेश कुमार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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