भागदौड़ भरी जिंदगी में भोजन से लेकर नींद तक प्रभावित हो रही है। इससे बीमारियों के शिकार होने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वर्तमान में डायबिटीज बड़ी समस्या है। यह बीमारी अब कम उम्र के लोगों में भी दिख रही है। यह अन्य परेशानियों को जन्म देती है। टाइप-2 डायबिटीज को लेकर हुए नए शोध में कहा गया है कि बुजुगों एस्प्रिन की सीमित मात्रा में प्रयोग से इसका खतरा कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि अगर कोई बुजुर्ग 100 मिलीग्राम मात्रा में रोज एस्प्रिन लेता है तो टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 15 फीसदी कम हो जाता है। यह शोध आस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय में हुआ। प्रोफेसर सोफिया ने कहा कि एस्प्रिन के प्रयोग से टाइप-2 डायबिटीज को घटाने और फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज के बढ़ने की गति को कम करने में मदद मिली है।
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