महेवा कलाँ गांव में आठ माह से मनरेगा योजना बाधितऑनलाइन हाजिरी प्रभावित होने से मजदूरों को नही मिल रहा रोजगार ।

महेवा कलाँ गांव में आठ माह से मनरेगा योजना बाधित
ऑनलाइन हाजिरी प्रभावित होने से मजदूरों को नही मिल रहा रोजगार 

 मांडा। ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली मनरेगा मजदूरों के लिए आफत बना हुआ है। महेवा कलां गांव के प्रधान दीपक कुमार, मनरेगा मेठ पूनम, रोजगार सेवक विनीत कुमार सहित मनरेगा कार्डधारक देवराज निषाद, जमुना निषाद, लक्षणधारी पटेल, ओमप्रकाश आदि ने बताया कि बीते अक्टूबर माह से मनरेगा मजदूरों की हाजिरी ऑनलाइन लिए जाने का शासनादेश दिया गया। ग्राम पंचायत महेवा कलां का नाम मनरेगा पोर्टल पर नही चढ़ाया गया। ग्राम रोजगार सेवक विनीत कुमार व मनरेगा मेठ पूनम का नाम भी पोर्टल पर नही चढ़ाया गया। जिसके चलते मजदूरी करने के बावजूद मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी नही ली जा सकती। महेवा गांव के मनरेगा रजिस्टर में करीब 780 जॉबकार्ड धारक का नाम दर्ज है। काम मांगने के बावजूद मजदूरों को रोजगार नही मिल रहा। जबकि मनरेगा अधिनियम के तहत मजदूरों को 100 दिन  रोजागर देने का प्राविधान है। प्रधान दीपक कुमार ने बीडीओ मांडा अमित मिश्रा से कई बार शिकायत की। लेकिन बीते आठ माह से समस्या जस की तस बनी हुई है। ग्राम पंचायत में रोजगार नही मिलने से मजदूरों में मायूसी है। मजदूरों ने आलाधिकारियों से रोजगार दिलवाए जाने की मांग की। मामले में बीडीओ मांडा अमित मिश्रा ने बताया कि पोर्टल की तकनीकी खामी दुरुस्त कराए जाने को लेकर जिला स्तर के अधिकारियों को अवगत कराया गया है। डीसी मनरेगा कपिल कुमार ने कहा कि बहुत जल्द तकनीकी खामी को दूर किया जाएगा।

जागो न्यूज़ संवाददाता रितेश केसरी की रिपोर्ट

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