मां ने कहा कि आभार डीएम मैम और एडीएम सर ।अधिकारियों की सक्रियता देख राधा भी दुखड़ा सुनाने आ गई पालिका दफ्तर।
मिर्जापुर। DM श्रीमती दिव्य मित्तल तथा ADM (F&R) श्री शिवप्रताप शुक्ल की वैशाखी के सहारे जन्म-मृत्यु के नारकीय सागर से पार करने में समर्थ हुई अति विशिष्ट घराने की बहू तथा एक बेटा दुर्घटना में खोने के बाद लगातार पौने दो साल से आंखों में सावन-भादौ के बादलों की तरह जलवर्षा कर रही श्रीमती सन्ध्या त्रिपाठी के लिए वैशाखी पर्व की पूर्व संध्या 13 अप्रैल मरहम लेकर तब आई जब 8 जुलाई '21 से प्रमाणपत्र के लिए नरकपालिका जैसे शब्दों की उपाधियों का तमगा लगाए नगरपालिका की ओर से उसे मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया गया।
उल्लेखनीय है कि सन्ध्या और उसके दूसरे बेटे अमितेश से पालिका का एक मृतक आश्रित पद पर कार्यरत कर्मचारी ने कहा था कि बिना पैसा दिए उसे प्रमाणपत्र नहीं दिया जाएगा।
इस प्रकरण के सोशल साइट पर तहलका मचते एवं मृतक 22 वर्षीय आदित्य का फ्रेम में मढ़ा चित्र देखकर प्रशासनिक अधिकारी तो द्रवित हुए ही, शहर उद्वेलित हो गया।
आदित्य की पत्रावली की मॉनिटरिंग ADM श्री शुक्ल खुद करने लगे। रात 11 बजे तक कार्यालय तीन दिनों से खुल रहा है। 550 मामले पेंडिंग है जबकि प्रशासनिक अधिकारियों को 300 पेंडिंग फाइल बताई गई थी।
इसी बीच बर्तन मांजने वाली डंगहर मुहल्ले की निवासी राधा नामक पूरी तरह से अनपढ़ महिला उच्च अधिकारियों की दिलचस्पी की खबर सुनकर 13 अप्रैल को दफ्तर में आई तो वहां एक अन्य कर्मचारी जिसे 12 अप्रैल को दफ्तर में बुलाया गया अधिक काम के निबटारे में मदद के लिए तो उसने यह कहकर आने से इनकार किया कि वह शाम 5 बजे के बाद नहीं आ सकता, महिला को फटकारते देखा गया। यह कर्मचारी कोई दायित्व लेने से इसलिए भी इंकार करता है क्योंकि वह अलग से बिजनेस करता है और दफ़्तर टाइम में भी अनुपस्थित रहता है।
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