पत्नी को जलाकर मारने के आरोपी पति को आजीवन कारावास

चुनार कोतवाली क्षेत्र के जगरनाथपुर गांव में 12 वर्ष पहले पत्नी को जलाकर मारने के मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला व सत्र न्यायाधीश वायु नंदन मिश्र ने दोषसिद्ध पाते हुए आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 10 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया। अर्थदंड नहीं देने पर चार माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
वाराणसी जिले के लंका थाना क्षेत्र के तारापुर गांव निवासी दुलारे की पुत्री की 2011 में संदिग्ध परिस्थितियों में जलकर मौत हो गई थी। पिता ने थाने में तहरीर देकर हत्या करने का आरोप लगाया, परंतु पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इसके बाद दुलारे ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर मुकदमा दर्ज कराया। 
दुलारे ने तहरीर देकर बताया कि पुत्री की शादी चुनार थाना क्षेत्र के जगरनाथपुर निवासी राजकेश उर्फ मन्ना पुत्र लालता के साथ की थी। शादी में 50 हजार नकद, बाइक, घड़ी, अंगूठी, सीडी आदि सामान दिए थे। एक वर्ष बाद गौना में भी सामान दिया। आरोप लगाय कि उसी दिन पति, ससुर व जेठ-जेठानी दहेज को लेकर मारने-पीटने लगे।
यह आरोप भी लगाया कि पुत्री को मानसिक रूप से ससुराल के लोग प्रताड़ित करने लगे। दो लाख रुपये दहेज में लाने के लिए दबाव बनाने का भी आरोप लगाया। रक्षाबंधन के बाद 14 अगस्त 2011 को मायके से ससुराल गई। इसके बाद 21 अगस्त 2011 को सूचना मिली कि उनकी पुत्री को उसके ससुराल के लोगों ने जला दिया है। वह वाराणसी के रामनगर स्थित एक अस्पताल में भर्ती है। वहां पहुंचे तो पुत्री की मौत हो गई थी। ससुराल पक्ष के लोग फरार हो गए थे।
घटना की सूचना पुलिस को दी, परंतु पोस्टमार्टम के बाद भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। न्यायालय के आदेश पर 12 जनवरी 2012 को मुकदमा दर्ज हुआ। जिसके बाद पुलिस ने पति रामकेश और ससुर लालता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सच्चिदानंद तिवारी ने छह गवाहों को पेश कर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की अपील की। 
मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला व सत्र न्यायाधीश वायु नंदन मिश्र ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य, गवाहों के बयान और अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद आरोपी पति राजकेश को हत्या के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड नहीं देने पर चार माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अर्थदंड का 90 प्रतिशत हिस्सा वादी मुकदमा को देने का आदेश दिया। आरोपी ससुर लालता को दोषमुक्त कर दिया।

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