यूपी-छत्तीसगढ़ बार्डर पर बाघ की दहाड़ से सहमे

बभनी। यूपी-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर बभनी थाना क्षेत्र के शीशटोला नवाटोला के जंगल में बाघ दिखाई देने की खबर है। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर आया है। कैमरे में उन्मुक्त भाव से चहलकदमी करते दिख रहा बाघ सड़क के किनारे से होते हुए जंगल की ओर जा रहा है। दावा किया गया है कि यह वीडियो इसी क्षेत्र का है, जिसे कुछ स्थानीय लोगों ने बृहस्पतिवार की रात बनाया है। बाघ की सूचना के बाद खलबली मरी है। आसपास के गांवों के लोग सहमे हैं। हालांकि वन विभाग ने अभी बाघ की मौजूदगी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है।
बृहस्पतिवार की रात कुछ लोग बोलेरो से बॉर्डर क्षेत्र में सफर कर रहे थे। बभनी वन रेंज के महुअरिया से शीशटोला जाने वाले मार्ग पर बडादेव स्थल नवाटोला के समीप उन्होंने सड़क पर बाघ देखा। बोलेरो को किनारे खड़ी कर अंदर से ही एक व्यक्ति ने यह वीडियो बनाया, जिसमें बाघ सड़क के किनारे से होते हुए जंगल में घुस गया। बीच-बीच में बाघ गुर्रा भी रहा है। बाघ के जंगल में जाने के बाद बोलेरो सवार वहां से निकले और गांव में सूचना दी। पिछले कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ के रघुनाथ नगर वनक्षेत्र में बाघ भटक कर आने की सूचना मिली थी। इसके बाद बिहारपुर चांदनी में बाघ देखा गया और वहां एक व्यक्ति पर हमला भी किया था।
दक्षिणांचल के जंगल में लगातार तेंदुआ की मौत की गुत्थी सुलझी नहीं थी कि इसी बीच बाघ देखने की सूचना गांव क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बनी है। वन क्षेत्राधिकारी बभनी अवध नारायण मिश्रा ने बताया कि अभी ऐसी घटना की जानकारी नहीं है। कहा कि लोग जंगल की ओर न जाएं और सतर्क रहें। मामले की पड़ताल की जाएगी। उधर, छत्तीसगढ़ के रघुनाथ नगर रेंज के डिप्टी रेंजर शिवनाथ ठाकुर का कहना है कि बाघ दिखने की सूचना मिल रही है। बिहारपुर चांदनी छत्तीसगढ़ में भी सूचना मिली है, लेकिन अभी तक विभाग को दिखाई नहीं दिया है। सतर्क रहने की आवश्यकता है।
आबादी की ओर आ रहे वन्य जीव
पिछले एक माह में हिंसक वन्य जीवों के आबादी की ओर आने के मामले बढ़े हैं। पहले म्योरपुर रेंज में तेंदुआ मिला, जिसकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद मारकुंडी घाटी में एक तेंदुए की ट्रक से टकराकर जान चली गई। इसके बाद इसी क्षेत्र के गुरमा जंगल में तेंदुए का शव मिला। अब बार्डर क्षेत्र में बाघ के विचरण की तस्वीरों ने लोगों को विचलित कर दिया है। जानकारों का कहना है कि जिले में तेजी से वन संपदा का क्षरण हो रहा है। जंगल कट रहे हैं। वन्य जीवों के प्राकृतिक वास स्थल से छेड़छाड़ इसकी मुख्य वजह है।

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